माइका को कानूनी तौर पर चालू करे सरकार नहीं डीसी कार्यालय के समक्ष हजारों की संख्या में अनिश्चितकालीन धरना किया जाएगा उक्त बातें धनवार विधानसभा के पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने कही, उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र में रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है और पुलिस प्रशासन छोटे-मोटे रोजगार कर रहे लोगों को परेशान कर रही है क्षेत्र का मुख्य रोजगार का साधन ढिमरा है जिसको सरकार अवैध घोषित कर दिया है जिसे लेकर पुलिस प्रशासन छापेमारी कर काम कर रहे गरीब मजदूरों को परेशान कर रही है सरकार जल्द से जल्द ढिबरा व्यापार को कानूनी तौर पर चालू करें अन्यथा क्षेत्र के लोगों के साथ डीसी कार्यालय गिरिडीह के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा। कहा कि जब से जब से ढिबरा का कार्य बंद हुआ है तब से क्षेत्र में बेरोजगारी और अपराध काफी बढ़ गए हैं पूरा क्षेत्र अशांत होने की कगार पर है। उन्होंने उन्होंने वर्तमान विधायक बाबूलाल मरांडी के दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कि वे कहते हैं कहते हैं कि फारेस्ट कर्मियों को गावां तीसरी नहीं घुसने दूंगा उनसे उन्होंने सवाल करते हुए पूछा की वे तीन साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे उन्होंने कोई कानून क्यों नहीं बनाए? वे देश में केंद्रीय वन मंत्री भी रहे उस समय भी कोई कानून क्यों नहीं बनाए, कहा की मरांडी जी जानबूझ कर कानून नहीं बना कर भोट की राजनीति कर रहे हैं। जिसका खामियाजा गावां, तिसरी, देवरी, धनवार व कोडरमा के के लोग भुगत रहे हैं। विधान सभा में क्षेत्र की समस्या को लेकर आज तक मराठी जी कोई सवाल नहीं उठाए हैं इससे साफ पता चलता है कि उनको क्षेत्र के लोगों के विकास से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी हैं ओ सत्र में आवाज क्यों नहीं उठाते हैं आज लाखों परिवार इस पर आश्रित है और इसी आधार दोनों चुनाव जीते। कहा की देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की माइका को चमका देंगे तो आज माइका फीका क्यों पड़ गया, इस सवाल का जवाब भाजपा के लोगों को देना चाहिए।उन्होंने कहा की सरकार ने 3 साल के लिए बालू घाट के लिए एक्सटेंशन किया है लेकिन गिरिडीह जिले में एक भी घाट का एक्सटेंशन नहीं हुआ है। जिले के लोग बालू कहां से लेंगे, अवैध बालू की गाड़ियां को पुलिस पकड़ रही है। इसलिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार मांग करते है की यहां के बालू घाटों को नीलाम किया जाय ताकि लोग बालू का उठाव कर सके। कहा की इन तमाम मुद्दों को का समाधान नहीं किया गया तो डीसी कार्यालय के समक्ष हजारों किसान मजदूर के साथ अनिश्चितकालीन धरना पर बैठेंगे।