गिरिडीह: झारखंड में नई शिक्षा नीति के खिलाफ चल रहे छात्र आंदोलन को बड़ी सफलता मिली है। अब 11वीं की परीक्षा पास करने वाले छात्र-छात्राएं उसी कॉलेज में 12वीं का नामांकन ले सकेंगे, जहाँ उन्होंने 11वीं तक की पढ़ाई की है। राज्यपाल द्वारा जारी आदेश ने इस लंबे संघर्ष को निर्णायक मोड़ दिया है।
इस ऐतिहासिक फैसले के बाद रविवार को गिरिडीह के झंडा मैदान में छात्र-छात्राओं ने ज़ोरदार जश्न मनाया। गुलाल उड़ाए गए, मिठाइयाँ बांटी गईं और पटाखों की गूंज सुनाई दी। छात्र संगठनों और विद्यार्थियों ने इसे “आवाज़ की जीत” बताया।

छात्रों ने कहा, “हम महीनों से मानसिक तनाव में थे। कभी केवल वादे मिलते थे, कभी उम्मीदें टूटती थीं। अब जब परीक्षा में सिर्फ छह महीने बचे हैं, तो यह फैसला हमारे लिए राहत लेकर आया है।”

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी इसे अपनी बड़ी सफलता बताया। संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा, “यह निर्णय हमारी सतत मेहनत और छात्रों की एकता का परिणाम है। हम आगे भी छात्र हित के लिए संघर्षरत रहेंगे।”
गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति के तहत राज्य के डिग्री कॉलेजों से इंटरमीडिएट की पढ़ाई को खत्म करने का प्रस्ताव आया था, जिससे हज़ारों विद्यार्थी प्रभावित हो रहे थे। गिरिडीह समेत कई जिलों में छात्राओं ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के नारों के साथ प्रदर्शन किए थे।
