रांची/गिरिडीह : अरगा नदी पर निर्माणाधीन पुल के ढहने के मामले में आखिरकार जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की गाज गिर गई है। पथ निर्माण विभाग ने इंजीनियर मो. अख्तर हुसैन के खिलाफ विभागीय कार्यवाही का आदेश जारी किया है। सरकार ने माना है कि उन्होंने अपने कर्तव्यों में गंभीर लापरवाही और अनियमितता बरती, जिसके कारण करोड़ों की लागत से बन रहा पुल धराशायी हो गया।
यह मामला गिरिडीह जिले के देवरी प्रखंड के फतेहपुर-भेलवाघाटी मार्ग का है, जहाँ डुमरीटोला और कारीपहरी गांवों के बीच अरगा नदी पर साढ़े पाँच करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण हो रहा था। इस पुल से झारखंड और बिहार के कई ग्रामीण इलाकों को सीधा संपर्क मिलने वाला था। लेकिन जून 2024 में भारी बारिश के दौरान पुल का एक हिस्सा अचानक ढह गया, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया था।
घटना के बाद विभाग ने निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वाली कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया था। अब लगभग एक साल चार महीने बाद इंजीनियर मो. अख्तर हुसैन पर भी कार्रवाई की गाज गिरी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पुल से हजारों ग्रामीणों की आवाजाही सुगम होने वाली थी, लेकिन निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी के कारण करोड़ों रुपये पानी में बह गए। ग्रामीणों ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और जल्द नया पुल बनाने की मांग की है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि इंजीनियरिंग निगरानी में गंभीर खामियां थीं। सरकार ने अब इस मामले को “उदाहरण” के रूप में लेते हुए भविष्य के निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।