राज्य सरकार द्वारा गिरिडीह में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज को केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं मिली है। स्वास्थ्य क्षेत्र में जिले के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है। राज्य सरकार ने धनबाद, देवघर, खूंटी, गिरिडीह, जामताड़ा और पूर्वी सिंहभूम के सदर अस्पतालों को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेज में अपग्रेड करने का प्रस्ताव केंद्र को दिया था। हालांकि, आरटीआई के जवाब में स्पष्ट हुआ कि गिरिडीह को अब तक केंद्रीय सहायता प्राप्त योजना के तहत मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति नहीं दी गई है। केंद्र द्वारा स्वीकृत जिलों में केवल दुमका, पलामू, कोडरमा और हजारीबाग शामिल हैं।
मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए गिरिडीह में जगह भी चयनित की जा चुकी है। सदर प्रखंड के गिरिडीह-डुमरी रोड के एनएच 114 ए के बगल में बदगुंदा कला में 32 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। इस प्रोजेक्ट के तहत पुराने सदर अस्पताल को तोड़कर 300 बेड का नया मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। आरटीआई कार्यकर्ता सुरेन्द्र पांडेय ने इस जानकारी को जनता के सामने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मांगा था, ताकि जिले से जुड़े स्वास्थ्य विकास की वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सके।
बताते चलें कि इसी वर्ष जुलाई में मंत्री सुदिव्य कुमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से गिरिडीह समेत अन्य प्रस्तावित मेडिकल कॉलेजों को शीघ्र मंजूरी देने और आवश्यक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। उस दौरान केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी और लोकसभा सांसद विजय कुमार हांसदा भी मौजूद थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्य सरकार के प्रयास की सराहना करते हुए सैद्धांतिक सहमति दी थी और हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया था, लेकिन अब तक गिरिडीह के प्रस्ताव पर कोई स्वीकृति नहीं मिली है।