जसीडीह से कोडरमा वाया चकाई नई रेल लाइन परियोजना के सर्वे का काम अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि इस परियोजना की फिजिबिलिटी स्टडी लगभग पूरी हो चुकी है और जल्द ही रिपोर्ट को रेल मंत्रालय से मंजूरी दी जाएगी। यह बहुप्रतीक्षित परियोजना संताल परगना और अंग प्रदेश के पिछड़े इलाकों को सीधे रेल नेटवर्क से जोड़ते हुए क्षेत्रीय विकास को नई दिशा देगी।
गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने बताया कि यह परियोजना आज़ादी के पहले से लंबित रही है। 1953 में तत्कालीन सांसद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भागवत झा आजाद ने संसद में इस रेल लाइन की मांग उठाई थी, लेकिन कांग्रेस सरकार के दौरान इसे मंजूरी नहीं मिल सकी। अब पीएम नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” विजन के तहत इस परियोजना को गति मिली है, जिससे रोजगार, व्यापार और आर्थिक विकास के नए अवसर पैदा होंगे।
इस रेल लाइन के बन जाने से गिरिडीह, चकाई, बटिया, सोन्हो और झाझा क्षेत्र के लोगों को पहली बार सीधी रेल सुविधा मिलेगी। जसीडीह से रांची की दूरी 310 किलोमीटर से घटकर 255 किलोमीटर रह जाएगी। जसीडीह से कोयरीडीह और चकाई होते हुए जमुआ तक 55 किलोमीटर लंबी यह रेल लाइन न केवल गिरिडीह और झाझा के बीच रेल संपर्क को मजबूत करेगी, बल्कि पूरे क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को नई रफ्तार देगी।












