गिरिडीह : समाहरणालय सभागार में सोमवार को दोपहर 1 बजे उपायुक्त रामनिवास यादव की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में उपायुक्त ने जिले की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी, समावेशी एवं परिणामोन्मुख बनाने पर जोर देते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बैठक में शिक्षा विभाग से जुड़े सभी एजेंडों की बिंदुवार समीक्षा की गई। उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले के सभी विद्यालयों में शिक्षकों, पदाधिकारियों एवं कर्मियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। साथ ही, विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा प्राप्त राशि का पारदर्शी और उचित उपयोग हो। उन्होंने विद्यालयों में सुव्यवस्थित इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट क्लास, ICT लैब, पुस्तकालय और बेहतर शैक्षणिक माहौल की आवश्यकता पर विशेष बल दिया।
उपायुक्त ने सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से विद्यालयों का निरीक्षण करें, शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा करें और किसी भी कमी की सूचना तत्काल जिला मुख्यालय को भेजें। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार और जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि बच्चों को बेहतर और समावेशी माहौल मिल सके।
बैठक में समग्र शिक्षा, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, ई-विध्यावाहिनी में शिक्षकों की उपस्थिति, पोशाक, छात्रवृत्ति, पोषण वाटिका, मध्याह्न भोजन वितरण और खाद्यान्न की उपलब्धता पर चर्चा हुई। उपायुक्त ने साफ शब्दों में कहा कि बच्चों की शिक्षा और मिड डे मील की गुणवत्ता में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने पोशाक और छात्रवृत्ति योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि इन योजनाओं का लाभ सभी पात्र छात्र-छात्राओं को समय पर मिले। साथ ही, विद्यालयों में पोषण वाटिका की स्थापना को प्राथमिकता देने को कहा, ताकि बच्चों को पौष्टिक आहार मिल सके।
बैठक के अंत में उपायुक्त ने दोहराया कि शिक्षा विभाग के सभी कर्मी सजगता और ईमानदारी से कार्य करें, जिससे सरकार की सभी योजनाओं का सीधा लाभ छात्रों तक पहुंचे और जिले की शिक्षा व्यवस्था एक आदर्श बन सके।