गिरिडीह
गिरिडीह जिले के तीन प्रमुख प्रखंडों जमुआ, देवरी और गांवा के होमगार्ड अभ्यर्थियों ने गुरुवार को सुबह 11 बजे झंडा मैदान में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने होमगार्ड बहाली सूची में अपने प्रखंडों को शामिल नहीं किए जाने पर गहरा आक्रोश जताया और इसे अन्यायपूर्ण तथा असंवैधानिक बताया।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने झारखंड के 16 जिलों में कुल 8,864 होमगार्ड पदों पर बहाली प्रक्रिया प्रारंभ की है, जिसमें गिरिडीह जिले के लिए 708 पद स्वीकृत किए गए हैं। हालांकि, इन पदों में जमुआ, देवरी और गांवा प्रखंडों के लिए एक भी सीट आवंटित नहीं की गई है। इस असमानता को लेकर इन क्षेत्रों के हजारों अभ्यर्थियों में गहरा रोष और निराशा है।
प्रदर्शनकारी युवाओं ने बताया कि वे बीते कई वर्षों से शारीरिक दक्षता, दौड़ और प्रशिक्षण की कड़ी तैयारी कर रहे हैं, लेकिन अब उन्हें पूरी प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। यह न केवल बेरोजगारी का प्रश्न है, बल्कि सम्मान और समावेशिता का भी मुद्दा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब पूरा जिला बहाली से लाभान्वित हो सकता है, तो फिर इन तीन युवा-बहुल प्रखंडों को नजरअंदाज करना गंभीर भेदभाव और संवैधानिक समान अवसर के अधिकार का उल्लंघन है।
प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों ने एकजुट होकर नारेबाजी की और जिला प्रशासन तथा राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 10 अगस्त 2025 तक इन तीनों प्रखंडों के लिए भी अतिरिक्त पद सृजित कर बहाली प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया, तो वे जिला स्तर से लेकर राजधानी तक आंदोलन छेड़ने के लिए बाध्य होंगे।
अभ्यर्थियों ने मांग की कि सरकार इस संवैधानिक असंतुलन को शीघ्रता से दूर करे, जिससे सभी क्षेत्रों को समान अवसर मिल सके और युवाओं के भविष्य के साथ अन्याय न हो।