गिरिडीह, झारखंड
स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के प्रयास में झारखंड सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने अपनी पोस्टिंग पर लंबे समय से बिना अनुमति अनुपस्थित चल रहे 143 डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इन डॉक्टरों में गिरिडीह समेत राज्य के कई जिलों के चिकित्सक शामिल हैं।
गिरिडीह जिले के भी कुछ डॉक्टर ऐसे हैं जो नियुक्ति के बाद न तो योगदान देने पहुंचे और न ही किसी प्रकार की सूचना विभाग को दी। यही नहीं, कई डॉक्टरों ने योगदान तो दिया, लेकिन कभी जिम्मेदारी नहीं संभाली। इन सब पर विभाग ने अब सख्त रुख अपनाया है।
बर्खास्त किए गए डॉक्टरों की नियुक्ति झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के माध्यम से वर्ष 2020, 2021 और 2023 में हुई थी। ये चिकित्सक राज्य के रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो, पूर्वी-पश्चिमी सिंहभूम, जामताड़ा, दुमका, देवघर, चतरा, धनबाद, पाकुड़, गुमला, चाईबासा, खूंटी, गढ़वा, गिरिडीह और गोड्डा जिलों के सरकारी अस्पतालों में पदस्थापित थे।
सूत्रों के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग ने इन डॉक्टरों के खिलाफ लंबे समय से शिकायतें प्राप्त की थीं। एक सूची तैयार की गई जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि संबंधित डॉक्टर न तो ड्यूटी पर आए और न ही कोई वैध कारण बताया। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए अधिसूचना जारी कर सेवा समाप्त कर दी।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इन पदों को अब रिक्त घोषित कर नए डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी, ताकि आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। सरकार के इस कदम की सराहना की जा रही है, खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां वर्षों से डॉक्टरों की कमी से लोग परेशान थे।
यह कार्रवाई न केवल लापरवाह अधिकारियों के लिए चेतावनी है, बल्कि आम जनता के लिए उम्मीद की किरण भी है कि अब स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी।