उपायुक्त के आदेशानुसार सोमवार को 3 बजे तक बिशनपुर और लखारी के बीच की जमीन की नापी अंचल कर्मियों ने की। इस दौरान यहां कई एकड़ गैरमजरूआ जमीन होने की बात बताई गई।अंचलाधिकारी मो० असलम और हल्का आठ के कर्मचारी व अमीन संबंधित जमीन मापी करने पहुंचे थे। सूचना मिलते ही इस जमीन पर अपना दावा करने वाले बिशुनपुर निवासी मो० अमीरुद्दीन और उनके परिजनों ने इस पर आपत्ति जाहिर की। इन्होंने कहा कि बिना अधिकारिक सूचना के उनके जमीन की मापी करने का क्या औचित्य है। मो० अमीरुद्दीन और उनके परिजनों के द्वारा मापी का वास्तविक कारण पूछे जाने पर वहां पर मौजूद अंचल कर्मियों ने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया और मापी कर वापस लौट गए।
इधर अंचलाधिकारी मोहम्मद असलम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिशनपुर मौजा के खाता नंबर 34 प्लॉट नंबर 649 रखवा 34.5 गैर मजरूवा खास जमीन है। जिसे भू माफियाओं के द्वारा बेचा जा रहा है। जिसको लेकर उपायुक्त के आदेशानुसार वह नापी करने पहुंचे हैं और जांचोपरांत आगे की कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि इस जमीन को झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता इरशाद अहमद वारिस सौदा करवा रहे थे। लेकिन अंचलाधिकारी ने रविवार को इस पर रोक-टोक की थी। जिसके बाद अंचलाधिकारी के साथ गाली-गलौज ,धक्का-मुक्की की गई थी। घटना के बाद इरशाद अहमद वारिस और अंचल अधिकारी मोहम्मद असलम ने एक दूसरे पर बदसलूकी का आरोप लगाकर मुफस्सिल थाने में आवेदन दिया था।