स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतभूमि पर ऐसे नायक पैदा हुए, जिन्होंने इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों से लिखवाया, जिन में से एक बिरसा मुंडा जी हैं। इनका जन्म 15 नवंबर 1875 को राँची जिले के उलिहतु गांव में हुआ था। 1 अक्टूबर 1847 को नौजवान नेता के रूप में सभी मुंडाओ को एकत्र कर इन्होंने अंग्रेजो से लगान माफी के लिए आंदोलन किया। 1895 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। और हजारीबाग केंद्रीय कारागार में दो साल के कारावास की सजा दी गई। बिरसा मुंडा ने बिहार और झारखंड के विकास भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम रोल निभाया। 9जून,1900 को रांची कारागार में बिरसा मुंडा ने अपनी अंतिम सांसे ली। 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस संसद द्वारा बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 पारित करने के बाद झारखंड बिहार से अलग हो गया इस लिए 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस और बिरसा मुंडा जयंती के रूप में मनाए जाते हैं।