Giridih News: बाल संरक्षण की टीम का धावा दल मंगलवार को 3 बजे तक बरवाडीह समेत गिरिडीह के विभिन्न प्रतिष्ठानों, होटलों, ढाबों, होटल ,गैरेज आदि का निरीक्षण किया गया। इस दौरान 4 बाल श्रमिकों को रेस्क्यू किया गया।निरीक्षण क़े दौरान मेसर्स प्रिन्स मोटर गैरेज, समीर मोटर वर्क गैरेज बरवाडीह, मेसेर्स ऑटो पार्ट्स डांडीडीह, श्री स्वीट्स बरवाडीह से चार बच्चों को टीम ने अपने संरक्षण में लिया।बच्चे ग्लास, कप, प्लेट धोने, मोटर गैरेज़ में मरम्मती इत्यादि क़े काम मे लगे हुए थे। रेस्क्यू किए गए चारों बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बताया गया कि उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा, लेबर सुप्रीटेंडेंट रविशंकर, जिला बाल सरक्षण पदाधिकारी जीतू कुमार क़े निर्देश पर यह अभियान चलाया गया।
विदित हो कि पैन-इंडिया बाल श्रमिक रेस्क्यू एवं पुनर्वास कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय बाल सारंक्षण क़े निर्देशानुसार समय-समय पर धावा दल द्वारा प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया जाता है जहाँ बालश्रम जैसे कुकृत होने की सम्भावना होती है। धावा दल का नेतृत्व श्रम प्रवर्तन अधिकारी बसंत महतो ने किया। टीम सदस्यों में चाइल्ड लाइन क़े जिला समन्वयक सुनीता कुमारी तथा नरेश कुमार, बनवासी विकास आश्रम, जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के सुरेश कुमार शक्ति, उत्तम कुमार सिंह, मुकेश कुमार दास, रूपा कुमारी, संजय कुमार इत्यादि शामिल थे।बालश्रम से विमुक्त किये गए बच्चों को सरकारी योजनाओं व सामाजिक सुरक्षा स्किम्स से जोड़कर परिवार क़े आर्थिक समृद्धि हेतु प्रयास किया जायेगा। इस मौक़े पर बाल अधिकार कार्यकर्ता सुरेश शक्ति ने कहा कि बाल अधिकार सरंक्षण आयोग क़े द्वारा निर्गत पत्र द्वारा बाल श्रम उन्मूलन हेतु एक जनवरी से 30 मार्च तक अभियान चला कर बाल श्रम में लिप्त बच्चों को बचाने और शिक्षा क़े मुख्यधारा से जोड़ने हेतु झारखण्ड क़े सभी उपायुक्त से आग्रह किया गया है। श्री शक्ति ने कहा कि श्रम विभाग, जिला प्रशासन क़े साथ मिलकर देश व्यापी जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन संगठन तथा बचपन बचाव आंदोलन के तरफ से गिरिडीह को बालश्रम मुक्त जिला बनाने हेतु कई कदम उठाये जा रहे हैं।