देश की सड़कों पर यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों और ट्रक चालकों के लिए बड़ी राहत की खबर है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि अगले एक साल के भीतर टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। सरकार पूरे देश में नया डिजिटल टोल सिस्टम लागू करने जा रही है, जिससे टोल कलेक्शन बिना रुके, ऑटोमैटिक तरीके से होगा।
गडकरी ने बताया कि इस प्रणाली को परीक्षण के रूप में लगभग 10 स्थानों पर लागू किया जा चुका है और अगले साल इसे पूरे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर विस्तार दिया जाएगा। फिलहाल, देश में करीब 10 लाख करोड़ रुपये की 4500 हाईवे परियोजनाएं चल रही हैं, और यह नया सिस्टम सड़क परिवहन की रफ्तार और दक्षता को बढ़ाएगा।
नया टोल सिस्टम NPCI की NETC और RFID तकनीक पर आधारित होगा। वाहनों की विंडस्क्रीन पर RFID डिवाइस लगाया जाएगा, जो टोल प्लाजा से गुजरते ही वाहन चालक के बैंक खाते से राशि ऑटोमैटिकली काट देगा। इससे ट्रैफिक जाम, समय की बर्बादी और ईंधन की खपत में कमी आएगी, जो पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होगा।
परिवहन सुधारों के साथ, गडकरी ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस इलाज योजना का भी जिक्र किया। अब दुर्घटना के मामलों में पीड़ित को 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। अभी तक 6,833 अनुरोधों में से 5,480 लोगों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। नई डिजिटल प्रणाली और मेडिकल सहायता योजनाएं भारत की सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली साबित होंगी।











