झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं के लिए नए वित्तीय वर्ष में बड़ी चिंता की खबर सामने आई है। झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम ने झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग को बिजली दर में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव सौंपा है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो राज्य के लगभग 54 लाख उपभोक्ताओं को अगले 3-4 महीनों में बढ़ा हुआ बिल चुकाना पड़ सकता है।
JBVNL ने 2026-27 के लिए नई बिजली दरों का प्रस्ताव भेजा
जिसमें घरेलू बिजली दर में 3.45 रुपये प्रति यूनिट बढ़ाने का सुझाव शामिल
वर्तमान में घरेलू शहरी दर 6.85 रुपये प्रति यूनिट है, जिसे बढ़ाकर 10.30 रुपये प्रति यूनिट करने की योजना है, जबकि घरेलू ग्रामीण की दर 6.70 से 10.20 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है।
घरेलू HT उपभोक्ताओं के लिए वर्तमान 6.40 रुपये की दर बढ़ाकर 9.40 रुपये प्रति यूनिट करने की बात कही गई है। वहीं कॉमर्शियल ग्रामीण श्रेणी में 6.20 रुपये की वर्तमान दर को बढ़ाकर 10.60 रुपये प्रति यूनिट, और कॉमर्शियल अर्बन में 6.70 रुपये से बढ़ाकर 11.00 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव रखा गया है।
सिंचाई श्रेणी में भी बड़ा इजाफा करते हुए 5.30 रुपये प्रति यूनिट से 9.00 रुपये प्रति यूनिट करने का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा LT श्रेणी की दर 6.10 से 9.10 रुपये प्रति यूनिट, और HT श्रेणी की दर 5.90 से 9.25 रुपये प्रति यूनिट प्रस्तावित की गई है।
60% तक बढ़ेगा बिजली बिल का बोझ
खास बात यह है कि यह प्रस्ताव बिना एमडी के हस्ताक्षर के भेजा गया है, क्योंकि पिछले दो महीनों से निगम का मैनेजिंग डायरेक्टर का पद खाली है।प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर बिजली दरें अगले तीन से चार महीनों में लागू हो सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर बिजली बिल का बोझ करीब 60% तक बढ़ सकता है।
आम जनता की आर्थिक मुश्किलें बढ़ेंगी
नई दरें लागू होने से घरेलू उपभोक्ता, किसान, बिजनेस करने वाले और औद्योगिक उपभोक्ता सभी प्रभावित होंगे, और आने वाले दिनों में इस निर्णय का विरोध शुरू होने की संभावना है।
बिजली दर बढ़ोतरी का असर अगले महीनों में राज्य के हर छोटे-बड़े उपभोक्ता पर स्पष्ट दिख सकता है, और यह प्रस्ताव मंजूर होने की स्थिति में आम जनता की आर्थिक मुश्किलें और बढ़ेंगी।












