झारखंड में मेट्रो रेल सेवा की तैयारी जोरों पर है। राज्य की राजधानी रांची, साथ ही जमशेदपुर और धनबाद में केंद्र सरकार के निर्देशानुसार नया कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नगर विकास एवं आवास विभाग को इस योजना बनाने का निर्देश दिया है और विभाग ने इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से रांची में मेट्रो परियोजना की मांग की थी और अब राज्य सरकार इस दिशा में औपचारिक कदम उठा रही है।
कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) मेट्रो या किसी भी रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए जरूरी आधारभूत दस्तावेज है। इसमें शहर के मौजूदा और भविष्य के ट्रैफिक, सड़क नेटवर्क, सार्वजनिक परिवहन, निजी वाहनों की संख्या, जाम और प्रदूषण जैसी सभी जानकारियां शामिल होती हैं। इस आंकड़ों के आधार पर तय होगा कि मेट्रो किन रूटों पर चलेगी और इसकी आर्थिक व्यवहार्यता कैसी होगी। केंद्र सरकार नए सीएमपी के आधार पर तीनों शहरों में मेट्रो परिचालन पर अंतिम निर्णय लेगी।
मेट्रो रेल सेवा से यात्रियों को तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का विकल्प मिलेगा। इसके अलावा यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी होगी क्योंकि मेट्रो शून्य-उत्सर्जन वाली बिजली से चलेगी, जिससे सड़क पर पेट्रोल-डीजल वाहनों की संख्या कम होगी और कार्बन उत्सर्जन घटेगा। भीड़ प्रबंधन, बेहतर शहरी कनेक्टिविटी और ऊर्जा कुशलता जैसी सुविधाओं के कारण मेट्रो तीनों शहरों की ट्रैफिक और प्रदूषण समस्या का प्रभावी समाधान साबित हो सकती है।